Saturday, March 27, 2010

हिंदी टाइपिंग


हमारे बहुत से पाठको की शिकायत थी कि वो हिंदी में अपने विचार इस ब्लॉग में व्यक्त नहीं कर सकते है. उनकी शिकायत अब हमने दूर कर दी है. अगर आप अपने विचार हिंदी में लिखना चाहते है तो " हिंदी में टाइप कीजिये " नामक लिंक जो कमेन्ट बॉक्स के ऊपर दिया हुआ है पर क्लिक कीजिये. क्लिक करने के बाद एक विंडो खुलेगी जिसमे आप इंग्लिश keyboard से हिंदी में टाइप कर सकते है. यह टूल आपके द्वारा english में लिखे हुए text को अपने आप हिंदी में convert कर देगा.

उदाहरण के तौर पर अगर आप लिखना चाहते है :-
" में ठीक हू. आप कैसे है ? "

तो आप टाइप कीजिये :-
" mein theek hu. aap kaise hai ? "

कमेन्ट पूरा लिखने के बाद आप कॉपी करके Backspace पर क्लिक कीजिये और कमेन्ट बॉक्स में पेस्ट कर दीजिये.

है ना एकदम आसान ? हिंदी में लिखना मुश्किल नहीं है. आप कोशिश तो कीजिये. हिंदी में लिखिए और अपनी मातृभाषा से जुड़िये.

Enjoy typing in Hindi.

Friday, March 19, 2010

5 करोड़ की माला



अपने प्रशंसको द्वारा रैली में पहनाई गयी ५ करोड़ की माला मायावती को भारी पड़ रही है. इस तरह के कारनामो की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहनेवाली मायावती व उनके कार्यकर्ताओ को आयकर विभाग की गहरी छानबीन का सामना करना पड़ सकता है. आयकर विभाग द्वारा अब तक की जांच में मालूम पड़ा है की माला की कुल कीमत ५ करोड़ रुपये है जबकि बहुजन समाजवादी पार्टी का यह कहना था कि माला में सिर्फ २१ लाख रुपये के नोटों का ही इस्तेमाल हुआ है. विभाग १००० रुपये के नोटों के सौर्स के बारे में भी जानकारी एकत्रित कर रहा है और हम उम्मीद करते है कि जल्दी ही सारी बाते स्पष्ट हो जाएगी.

कार्यकर्ताओ द्वारा प्रिय नेताओ के प्रति अपना विश्वास व्यक्त करने की परंपरा हमेशा से इस देश में रही है लेकिन इसे व्यक्त करने में अगर पैसो का भद्दा प्रदर्शन किया जाय तो उसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. यह वही मायावतीजी है जिन्होंने यह कहकर कि उनकी सरकार भयंकर आर्थिक तंगी से गुजर रही है, पिछले दिनों भगदड़ में मारे गए ६३ लोगो की वित्तीय सहायता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. इतना ही नहीं देश भर में इतना हो-हल्ला होने के बावजूद दुसरे ही दिन फिर माला पहनकर उन्होंने अपने राजनेतिक प्रतिद्वंदियों को चिड़ाने की कोशिश की थी. उनके एक कार्यकर्ता का तो इतना कहना था कि अगर बहनजी राजी हो गयी तो आज के बाद उनके स्वागत में हमेशा नोटों की ही माला पहनाई जाएगी. अभी कुछ दिनों पहले मायावती के पुतले लगाने का मामला सामने आया था जिस पर जनता की गाढ़ी कमाई का करोडो रुपया खर्च कर दिया गया था.

उपरोक्त घटनाक्रम से यह स्पष्ट है की मायावती व उनकी पार्टी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रही. यह उचित ही है कि आयकर विभाग, जो केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है और जिसे मायावती का समर्थन हासिल है, ने छानबीन शुरू कर दी है और मामला कुछ ही दिनों में साफ़ हो जायेगा. कांग्रेस को भी चाहिए कि वो अपनी सहयोगी पार्टियों के आचरण पर नज़र रखे और उन्हें गाहे बगाहे जनता के प्रति अपनी जवाबदेही की याद दिलाती रहे. इस तरह की घटनाए केंद्र सरकार की साख पर भी विपरीत असर डालती है. मायावती व उनके कार्यकर्ताओ को अपना आचरण सुधारना होगा क्योकि आज के ज़माने में जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे का दुरूपयोग अगर इस तरह से होने लगा तो वो दिन दूर नहीं जब उत्तर प्रदेश की जनता उन्हें अगले चुनाव में विधान सभा से बाहर का रास्ता दिखा देगी.

Wednesday, March 10, 2010

NRI हुसैन



मशहूर चित्रकार हुसैन ने आखिर अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर दिया. मुंबई के एक दैनिक अख़बार में यह खबर पढ़कर न हमें आश्चर्य हुआ और न ही सदमा लगा लेकिन उनका यह व्यवहार हमें अतिरंजित व पूर्वाग्रहों से ग्रस्त जरूर लगा. अब वो भारत के नागरिक नहीं रहे. यह वही देश है जिसने उन्हें इतनी उचाइयो तक पहुचाया व अन्तराष्ट्रीय ख्याति दिलाई. यह वही देश है जहा पर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक विज्ञापन होर्डिंग्स के मामूली पेंटर के रूप में की और विकास की पायदान चढ़ते हुए एक दिन उस मुकाम पर पहुचे कि उनकी पेटिंग्स करोडो में बिकने लगी. अपनी कुछ विवादास्पद रचनाओ के लिए उन पर कई सारे मुकदमे दर्ज हुए और इन्ही के चलते एक दिन उन्हें यह देश छोड़कर जाना पड़ा और निर्वासित की जिंदगी बिताने लगे. 95 साल के एक प्रतिष्ठित कलाकार के लिए देश छोड़ना एक मुश्किल निर्णय जरूर रहा होगा लेकिन भारतीय नागरिकता को छोड़ना, वो भी उस समय जब उनके खिलाफ सारे मुकदमे वापिस ले लिए गए हो, अतिवादी जरूर लगता है. यहाँ की सरकार ने उन्हें यह भी भरोसा दिलाया था कि यदि वे भारत वापस लोटते है तो उनकी सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया जायेगा लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला.

यहाँ के बुद्धिजीवियों को उनका यह फैसला शायद उचित न लगे लेकिन क्या यह जरूरी है की हम उनके इस निर्णय पर आंसू बहाए ? क्या हम इस बात के लिए शर्मिंदा हो कि एक भारतीय कलाकार को दूसरे देश में अपना आशियाना तलाश करना पड़ रहा है ? शायद नहीं. एक ऐसा कलाकार जो हमेशा दोहरी नीति अपनाता था चाहे वो चित्रकारी हो या फिल्म निर्माण. हिन्दू देवी देवताओ की नग्न तस्वीरे बनाकर (कृपया उपरोक्त तस्वीर देखे जिसमे नग्न माँ दुर्गा को शेर के साथ आपत्तिजनक अवस्था में चित्रित किया गया है) उन्होंने अपने भीतर छिपी द्वेष व घृणा की भावना को उजागर किया. हिन्दुओ द्वारा उठाई आपत्ति पर कभी एक्सप्लेनेशन तक देना जरूरी नहीं समझा लेकिन इसी तरह के दुसरे विषयों पर मुस्लिमो की आपत्ति के मद्देनज़र उन्होंने तुरंत माफ़ी मांगने से परहेज नहीं किया. ऐसा भेदभाव क्यों ? एक कलाकार को धार्मिक भावनाओ की क़द्र करनी आनी चाहिए. उसके लिए सब धर्म समानता का हक़ रखते है. हुसैन एक महान कलाकार है ओर एक महान कलाकार से अपेक्षा की जाती है कि वो अपनी कला के माध्यम से प्रेम और सोहार्द्र का सन्देश दे ना कि नफरत का.

इस देश में कलाकारों की कोई कमी नहीं. कला व चित्रकारी हुसैन पे ख़त्म नहीं होती. उसके आगे भी दुनिया है. हुसैन अगर देश छोड़ के जाना चाहते है तो बेशक जाये. भारत उनकी कला का मोहताज नहीं. कोई भी कलाकार जन-भावनाओ से ऊपर नहीं होता. हम उनके इस निर्णय से न तो आहत है न शर्मिंदा. हुसैन अगर यह समझते है कि नागरिकता छोड़कर वो भारत को बहुत बड़ा झटका दे देंगे तो ग़लतफ़हमी में है. मुर्गा अगर बांग नहीं देगा तो क्या सुबह नहीं होगी ?

Friday, March 5, 2010

मंदिर में भगदड़



उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा गाँव में लखनऊ से 177 किलोमीटर दूर राम जानकी मंदिर (कृपालूजी महाराज आश्रम) में भंडारे के लिए इकठ्ठा हुई 25000 लोगो की भीड़ में मची भगदड़ में 65 महिलाओ व बच्चो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. कितनी शर्म की बात है कि विश्व के सबसे बड़े लोकत्रांतिक देश में जो महाशक्ति बनने का दम भरता है 65 लोगो को सिर्फ इसलिए अपनी जान गंवानी पड़ी क्योकि वहा पर सुरक्षा के जरूरी इंतजाम नहीं थे. आश्रमों व मंदिरों में व्याप्त कुप्रबंधन का यह जीता जागता उदाहरण है जो हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि नागरिको की सुरक्षा के मामले में हम नगण्य है. इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए या तो समुचित उपाय किये नहीं गए और अगर किये गए तो वे पर्याप्त नहीं थे. प्रशासनिक अकर्मण्यता का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि जहा पर इतने लोग इकठ्ठा हुए हो वहा पर पुलिस व प्रशासन द्वारा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जरूरी सावधानिया तक नहीं बरती गई.

बच्चे इस देश का भविष्य है. औरतो व बच्चो कि सुरक्षा सरकार व प्रशासनिक तंत्र की अहम् जिम्मेदारी है और उत्तर प्रदेश सरकार इसमें निश्चित रूप से असफल हुई है. इस देश में घटित भगदड़ की यह पहली घटना नहीं है. अक्सर इस तरह के हादसे हमें आंदोलित करते रहते है लेकिन अफ़सोस इस बात का है कि हम अपनी गलतियों से सीख नहीं पाते. जरूरत इस बात कि है हम ऐसी घटनाओ से सबक ले और यह सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाए फिर न हो. यह अच्छी बात है कि आश्रम प्रबंधन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है और घटना की उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दे दिए गए है. अब यह पुलिस व प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वो जल्द से जल्द इस मामले के दोषी लोगो को कानूनी शिकंजे में कसे.

हम अखिल भारतीय नामदेव वंशी छीपा समाज के सभी सदस्य इस हादसे में मृतक लोगो के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते है और प्रार्थना करते है कि ईश्वर उनके परिवार वालो को इस सदमे को सहन करने की शक्ति प्रदान करे.

Thursday, March 4, 2010

श्री नामदेव नवयुवक मंडल और होली महोत्सव



दिनांक ०१.०३.२०१० को श्री नामदेव नवयुवक मंडल, मुंबई द्वारा आयोजित होली महोत्सव एक सफल व शानदार आयोजन था. नवयुवक मंडल के पदाधिकारी एवं सभी सदस्य बधाई के पात्र है. राजस्थानी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ने महोत्सव में चार चाँद लगा दिए तथा श्री हसमुखजी के सशक्त प्रस्तुतीकरण ने कार्यक्रम को सही दिशा दी. दानदाताओ को साफा व हार पहनाकर स्वागत करना श्री नामदेव वंशी छीपा समाज की उत्कृष्ट परम्पराओ के अनुकूल था. कार्यक्रम में पंजाब से पधारे हुए कैप्टेन जसबीर सिंगजी व राजस्थान से पधारे हुए अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत कर समाज सेवा में उनके योगदान को सराहा गया. महोत्सव में विभिन्न प्रकार की ऊँची बोलिया लगाकर भक्तो ने संत नामदेवजी के प्रति अपने अपार प्रेम का इज़हार किया.

महोत्सव में भोजन प्रसाद की व्यवस्था मीरा रोड व भायंदर वासियों की तरफ से की गयी थी. नयवुवक मंडल के सदस्यों ने शांतिपूर्वक महिलाओ को अपने स्थान पर भोजन परोसने की पुरानी प्रथा की फिर शुरुआत की जिसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते है. रात्रि १० बजे तक चले इस कार्यक्रम में कूपन बिक्री के विजेताओ को भी पुरस्कृत किया गया जिसकी घोषणा श्री शेषमलजी भाटी व श्री बंशीलालजी परमार द्वारा की गयी.

कार्यक्रम के अंत में श्री भरतजी चोहान, अध्यक्ष ने उपस्थित समाज बंधुओ का आभार प्रकट किया.